सैलानी बाबा की दरगाह पर देखने को मिलते हैं कई तरह के दृश्य
खंडवा । एक तरफ जहां स्पेस एस का यान सुनीता विलियस को अंतरिक्ष से सुरक्षित धरती पर ले आया है, वहीं खंडवा में एक अलग ही दुनिया है। यहां आज भी लोग तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास में विश्वास करते हैं। खंडवा में सैलानी दरगाह है, जहां माना जाता है कि बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है। लोगों का मानना है कि बुरी आत्माओं को बाबा सैलानी की अदालत में पेश किया जाता है। इस दरगाह पर होली से रंग पंचमी तक देश के कोने-कोने से लोग आते हैं, जो भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से परेशान हैं।
यहां आने वाले लोग दुख में होते हैं, लेकिन खुशी-खुशी वापस लौटते हैं। खंडवा से लगभग 25 किलोमीटर दूर जावर के सैलानी गांव में बाबा सैलानी की मजार है। अदालत को यहां न्याय का मंदिर कहा जाता है। यहां अमीर-गरीब सभी को न्याय मिलता है। लेकिन सैलानी दरगाह की अदालत अलग है। यहां दीवानी या फौजदारी के मामले नहीं आते। यहां बुरी आत्माओं की पेशी होती है। उन्हें शरीर छोड़ने की सजा सुनाई जाती है।
सैलानी बाबा की दरगाह पर अलग- अलग तरह के दृश्य देखने को मिलते हैं। कुछ लोगों को जंजीरों से बांधकर लाया जाता है। कुछ महीनों से प्रेत बाधा से पीड़ित हैं। उनके परिवार वाले उन्हें दूर-दूर से यहां लाते हैं। दरगाह की लोहे की दीवार को छूते ही बुरी शक्तियां तांडव करने लगती हैं। वे अपने गुनाहों को मानती हैं और बाबा सैलानी से माफी मांगती हैं।
बाबा के नाम पर है गांव का नाम सैलानी
वर्ष 1939 में बाबा सैलानी की दरगाह बनी। होली से रंगपंचमी तक यहां हजारों लोग आते हैं। बाबा के नाम पर ही गांव का नाम सैलानी पड़ा। दूर-दूर से आए लोग यहां तंबू लगाकर कई दिनों तक रहते हैं। मान्यता है कि लगातार ५ गुरुवार यहां आने से पीड़ितों को फायदा होता है। यहां मुर्गे और बकरे की बलि दी जाती है। लोग मुर्गे और बकरे लाते हैं और बाबा के नाम पर यहीं छोड़ जाते हैं। सैलानी बाबा की दरगाह लगभग 86 साल पुरानी है।
यह महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के फकीर मकदूम शाह सैलानी की है। इस दरगाह की एक खास बात यह है कि यहां सांप्रदायिक सौहार्द्र देखने को मिलता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, होली से रंगपंचमी तक मेला लगता है। इसमें सभी धर्मों के लोग आते हैं।
ऐसे शरीर छोड़ती हैं बुरी आत्माएं
बुरी आत्माएं न्याय के लिए बाबा सैलानी से प्रार्थना करती हैं। वे अपना गुनाह मानती हैं और उनसे पनाह मांगती हैं। बाबा सैलानी बुरी आत्माओं को सजा भी देते हैं। यह सजा दिखाई नहीं देती, लेकिन बुरी आत्माएं इसे महसूस करती हैं। इस सजा के कारण बुरी आत्माएं शरीर छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं।
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